बांदा, उत्तर प्रदेश: चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में 3 जून 2025 को तीन वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की दिल दहलाने वाली घटना हुई। आरोपी सुनील निषाद ने टॉफी और पान मसाला का लालच देकर बच्ची को अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के बेहोश होने पर उसे थर्माकोल बॉक्स में डालकर साइकिल से 10 किमी दूर जंगल में फेंक दिया। आठ दिन तक कानपुर के हैलट अस्पताल में कोमा में रहने के बाद 11 जून 2025 को मासूम ने दम तोड़ दिया।
3 जून को सुनील निषाद, एक शादीशुदा व्यक्ति, ने मासूम को टॉफी का लालच देकर अपने घर बुलाया और दुष्कर्म किया। बच्ची के बेहोश होने पर उसने उसे मछली रखने वाले थर्माकोल बॉक्स में बंद किया और जंगल में फेंक दिया। परिजनों ने बच्ची के लापता होने की शिकायत चिल्ला थाने में दर्ज की। 4 जून की रात 2 बजे पुलिस ने जंगल से बच्ची को बेहोशी की हालत में बरामद किया।
चिकित्सा स्थिति:
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि बच्ची को 4 जून को ब्रेन डेड हालत में भर्ती किया गया था। गला दबाने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण सूजन थी। जननांगों पर गहरी चोटों से मल और मूत्र मार्ग क्षतिग्रस्त होकर एक हो गए, जिससे भारी रक्तस्राव हुआ। शरीर पर 24 से अधिक चोटें थीं, जिनमें प्राइवेट पार्ट पर 6 गंभीर निशान शामिल थे। सिर की हड्डी चार जगह टूटी थी, और चेहरे पर 10 टांके लगे थे। पांच विभागों के विशेषज्ञों की टीम ने इलाज किया, लेकिन बच्ची डीप कोमा में चली गई और कार्डियक अरेस्ट के बाद उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने सर्जरी की अनुमति नहीं दी।
पुलिस कार्रवाई:
ग्रामीणों ने बांदा-कानपुर हाईवे पर जाम लगाकर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। 4 जून तड़के पुलिस ने मुठभेड़ में सुनील निषाद को गिरफ्तार किया, जिसमें उसके दाहिने पैर में गोली लगी। उसे इलाज के बाद जेल भेज दिया गया। उसके खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण, जानलेवा हमला, और POCSO एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। एसपी पलाश बंसल ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या की धारा जोड़ी जाएगी, और जल्द चार्जशीट दाखिल होगी।
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