ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ अपने ‘तहफ्फुज-ए-अवकाफ’ आंदोलन को फिर से शुरू करने का ऐलान किया है। आपरेशन सिंदूर और देश में आपात स्थिति के कारण 16 मई तक स्थगित किए गए सार्वजनिक कार्यक्रम अब नए सिरे से शुरू होंगे। बोर्ड ने देश के प्रमुख शहरों में धरने, रैलियां और जनसभाओं की रूपरेखा तैयार कर ली है।
AIMPLB के राष्ट्रीय प्रवक्ता और तहफ्फुज-ए-अवकाफ कमेटी के संयोजक डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि आपरेशन सिंदूर के बाद देश में आपात स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने अपने सार्वजनिक कार्यक्रम रोक दिए थे। अब आंदोलन को फिर से शुरू करते हुए देशभर में कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
बिहार पर विशेष ध्यान
विधानसभा चुनावों को देखते हुए बोर्ड का मुख्य फोकस बिहार पर है। इमारत-ए-शरिया बिहार-ओडिशा व झारखंड को पटना, अररिया, किशनगंज, भागलपुर, बेगूसराय, सहरसा, मधुबनी, सिवान और दरभंगा जैसे शहरों में कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
अन्य राज्यों में कार्यक्रम:
- हैदराबाद: 22 मई को महिलाओं के लिए विशेष जनसभा।
- निजामाबाद (तेलंगाना): 30 मई को जनसभा।
- महाराष्ट्र: जलगांव में 23 मई, नांदेड़ में 24 मई, और औरंगाबाद में 25 मई को सभाएं।
- अन्य राज्य: केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
डॉ. इलियास ने कहा कि इन कार्यक्रमों के जरिए सरकार द्वारा वक्फ संशोधन कानून को लेकर फैलाए गए भ्रम को दूर किया जाएगा। बोर्ड का मानना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और संवैधानिक स्वतंत्रता पर हमला है। AIMPLB इसे रद्द करने के लिए संवैधानिक, कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध जारी रखेगा।
वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाता है और संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। पहले भी दिल्ली, पटना, कोलकाता, हैदराबाद, और विजयवाड़ा में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो चुके हैं।