उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक दर्दनाक हादसे में तीन किशोरों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। यह घटना 29 मई 2025 को दोकटी थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव के सामने गंगा घाट पर हुई। तीनों किशोर—संदीप गोंद (15), **विनय गोंड (17), और वसीम (18)—गुरुवार शाम कोचिंग के लिए घर से निकले थे, लेकिन जब वे वापस नहीं लौटे, तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। अगले दिन, 30 मई को उनके शव नदी में तैरते मिले, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, लेकिन परिजनों ने शुरू में पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया था।
जानकारी के अनुसार, सावन छपरा निवासी संदीप गोंद (पिता: योगेंद्र), विनय गोंद (पिता: राजन), और वचन छपरा निवासी वसीम (पिता: रसीद मियां) गुरुवार को कोचिंग के लिए घर से साइकिल से निकले। रास्ते में, वे जगदीशपुर गांव के गंगा घाट पर रुक गए और नहाने के लिए नदी में उतरे। गहरे पानी में जाने के कारण तीनों डूब गए। शाम को ग्रामीणों ने घाट पर उनकी साइकिलें, किताबें, और कपड़े देखकर डूबने की आशंका जताई। सूचना पर भारी भीड़ जमा हो गई, और परिजन बिलखते हुए मौके पर पहुंचे।
पुलिस और स्थानीय नाविकों ने उसी दिन शवों की तलाश शुरू की, लेकिन अंधेरा होने के कारण सफलता नहीं मिली। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने नदी में शव तैरते देखे और पुलिस को सूचना दी। बैरिया के सर्कल ऑफिसर मोहम्मद फहीम कुरैशी के नेतृत्व में पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव बरामद किए।
परिजनों का हाल और पोस्टमॉर्टम पर विवाद
तीनों किशोरों की मौत से उनके परिवारों में मातम छा गया। परिजन रोते-बिलखते हुए घाट पर पहुंचे और शुरू में शवों के पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया। मौके पर मौजूद तहसीलदार मनोज राय, नायब तहसीलदार रजनीश सिंह, और थानाध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने परिजनों को समझा-बुझाकर पोस्टमॉर्टम के लिए राजी किया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।