बाराबंकी: बलात्कार, धर्म परिवर्तन और SC/ST एक्ट के दोषी को उम्रकैद, लगा इतना बड़ा जुर्माना

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बाराबंकी जिले की एक विशेष अदालत ने एक सनसनीखेज मामले में कठोर फैसला सुनाया। बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन, और SC/ST एक्ट के तहत दोषी मोहम्मद सलमान, पुत्र मोहम्मद इस्लाम, को आजीवन कारावास और 80,000 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई। यह मामला बाराबंकी पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत प्रभावी पैरवी और वैज्ञानिक जांच का परिणाम है, जिसने न्यूनतम समय में अधिकतम सजा सुनिश्चित की।

15 दिसंबर 2023 को देवा थाना क्षेत्र के एक निवासी ने शिकायत दर्ज की कि मोहम्मद सलमान, जो लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र के नरौसा गांव का रहने वाला है, ने उसकी बहन को बहला-फुसलाकर भगा लिया। शिकायत के अनुसार, सलमान ने युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराया, जातिसूचक गालियां दीं, बलात्कार किया, और धमकी दी। इस तहरीर के आधार पर देवा थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार), SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम, और उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

पुलिस महानिदेशक के निर्देश और पुलिस अधीक्षक (SP) अर्पित विजयवर्गीय के नेतृत्व में बाराबंकी पुलिस ने “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत इस मामले को प्राथमिकता दी। तत्कालीन क्षेत्राधिकारी (CO) बीनू सिंह और विवेचक जगतराम कनौजिया ने वैज्ञानिक तरीकों से साक्ष्य एकत्र किए। गवाहों के बयान, फोरेंसिक साक्ष्य, और अन्य सबूतों के आधार पर ठोस विवेचना की गई। जांच पूरी होने के बाद अभियुक्त के खिलाफ विशेष न्यायाधीश SC/ST कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

मॉनिटरिंग सेल के अधिकारियों, कर्मचारियों, और पैरोकारों ने अदालत में प्रभावी पैरवी की। महत्वपूर्ण गवाहों को समय पर प्रस्तुत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप विशेष न्यायाधीश ने मोहम्मद सलमान को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 80,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

“ऑपरेशन कनविक्शन” की भूमिका

“ऑपरेशन कनविक्शन” उत्तर प्रदेश पुलिस की एक विशेष कार्ययोजना है, जिसका उद्देश्य जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करना, वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करना, और गुणवत्तापूर्ण जांच के माध्यम से अधिकतम सजा दिलाना है। बाराबंकी पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर इसे साबित किया। SP अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत मॉनिटरिंग सेल द्वारा लगातार पैरवी और साक्ष्य प्रस्तुति पर ध्यान दिया जाता है, ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिले।

बाराबंकी की विशेष अदालत का यह फैसला पीड़िता को न्याय दिलाने और अपराधियों में भय पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “ऑपरेशन कनविक्शन” की सफलता से बाराबंकी पुलिस ने साबित किया कि जघन्य अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई संभव है। यह घटना समाज में महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए एकजुट होने की जरूरत को भी रेखांकित करती है। इस फैसले पर आपकी क्या राय है? कमेंट में साझा करें।

Mohd Taqveem

Siddiqui

is a writer covering Politics, Sports, Entertainment. He loves crafting engaging stories that inform and inspire readers.