मुरादाबाद के मिलक मैनाठेर गांव में 20 वर्षीय सायरा की बर्बर हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी। शनिवार, 31 मई 2025 की शाम से लापता सायरा का शव रविवार सुबह घर से 200 मीटर दूर मक्के के खेत में खून से लथपथ मिला।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, हत्यारे ने उसके शरीर पर चाकू से 40-45 बार वार किए, जिसमें प्राइवेट पार्ट्स भी शामिल थे। गला दबाने के निशान भी मिले, लेकिन मौत अत्यधिक रक्तस्राव से हुई। जंगली जानवरों ने शव को और क्षत-विक्षत कर दिया, जिससे बायां हाथ नोंचा गया।
पुलिस ने सायरा की मां शफीना की शिकायत पर गांव के ही रफी को गिरफ्तार किया। रफी ने कबूल किया कि वह सायरा से एकतरफा प्यार करता था और उसे शक था कि सायरा किसी अन्य युवक से बात करती थी। इस शक के चलते उसने शनिवार शाम को सायरा पर हमला किया, जब वह खेत में पशुओं के लिए चारा काट रही थी। पुलिस को घटनास्थल पर घास, दरांती, कट्टा और चप्पलें मिलीं, जो सायरा के संघर्ष की गवाही देती हैं। रफी के पास से सायरा का मोबाइल भी बरामद हुआ, जिसमें एक महीने में 500 कॉल्स का रिकॉर्ड मिला।
पुलिस के मुताबिक, रफी ने सायरा को पेचकस और चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। शुरुआती जांच में बलात्कार का शक था, लेकिन पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। SSP सतपाल अंतिल ने घटनास्थल का दौरा कर जांच तेज करने के निर्देश दिए। परिजनों ने एक से अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका जताई, लेकिन पुलिस अभी रफी को ही मुख्य आरोपी मान रही है।
सायरा के पिता आले हसन की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वह छह भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर थी। उसकी तीन बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है, और बड़ा भाई बबलू केरल में नाई का काम करता है। मां शफीना, भाभी नाजरीन और छोटा भाई जीशान के साथ सायरा की मौत ने परिवार को तोड़ दिया है। गांव में दहशत का माहौल है, खासकर महिलाओं और बेटियों में।
पुलिस ने रफी के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया और उसे जेल भेज दिया। जांच में अन्य संदिग्धों की भूमिका की पड़ताल जारी है। SSP ने कहा कि सायरा और रफी के बीच प्रेम संबंध थे, लेकिन रफी का शक और विवाद हत्या का कारण बना।
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