भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर से चिंता का कारण बन रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, बीते एक हफ्ते (19 मई के बाद) में देशभर में 752 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 26 मई 2025 को सुबह 8:00 बजे तक 1,009 तक पहुंच गई है। इस दौरान 305 लोग कोरोना से ठीक हुए, लेकिन सात लोगों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है। मृतकों में महाराष्ट्र से चार, केरल से दो, और कर्नाटक से एक व्यक्ति शामिल है।
नए मामलों का सबसे ज्यादा असर केरल में देखा गया, जहां 335 नए केस दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र में 153, दिल्ली में 99, गुजरात में 76, और कर्नाटक में 34 मामले सामने आए। पश्चिम बंगाल में भी चार नए मामले दर्ज हुए, जिसके बाद वहां सक्रिय मामलों की संख्या 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता और आसपास के इलाकों में सांस संबंधी समस्याओं वाले मरीजों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालों में चल रहा है।
कोरोना का नया खतरा: JN.1 वैरिएंट
हालिया वृद्धि के पीछे ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट JN.1 मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अभी तक “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” घोषित नहीं किया है, लेकिन इसकी सक्रियता ने दक्षिण एशिया में मामलों को बढ़ाया है। इसके अलावा, NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वैरिएंट भी भारत में पाए गए हैं, जिन्हें WHO ने “वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग” (VUM) की श्रेणी में रखा है। ये वैरिएंट हल्के लक्षणों जैसे बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, और थकान के साथ सामने आ रहे हैं, और अधिकांश मरीज चार दिनों में ठीक हो रहे हैं।
दिल्ली, महाराष्ट्र, और केरल में अलर्ट
दिल्ली में 99 नए मामले दर्ज होने के बाद सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट, और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र में मुंबई ने मई में 153 मामलों के साथ सबसे ज्यादा योगदान दिया, लेकिन अस्पताल में भर्ती की दर कम है, केवल 16 मरीज भर्ती हुए। ठाणे में भी 10 नए मामले सामने आए। केरल में 335 नए केस के साथ स्थिति गंभीर है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है।
पश्चिम बंगाल में 19 मई तक केवल एक सक्रिय मामला था, लेकिन अब कोलकाता में नए मामले सामने आने से सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को फ्लू जैसे लक्षणों और गंभीर सांस संबंधी बीमारियों वाले मरीजों की निगरानी करने का निर्देश दिया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर सतर्कता की जरूरत को रेखांकित किया है। हालांकि अधिकांश मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती की दर कम है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। केरल, महाराष्ट्र, और दिल्ली जैसे राज्यों में बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट हैं। क्या आप इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें।