उत्तराखंड में 24 मई 2025 को कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के दो मामले सामने आए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। दोनों मरीजों की हाल में ट्रैवल हिस्ट्री रही है, और वे अन्य राज्यों से उत्तराखंड लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाते हुए सभी चिकित्सा इकाइयों को अलर्ट मोड पर रखने और संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की अनिवार्य जांच के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टंडन ने बताया कि पहला मामला एक महिला का है, जो हाल ही में गुजरात से लौटी थी। इस महिला में कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद उनकी जांच की गई, जिसमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। वर्तमान में उनका इलाज ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में चल रहा है। दूसरा मामला एक महिला चिकित्सक का है, जो बेंगलुरु से उत्तराखंड लौटी थी। उनकी भी जांच में कोरोना की पुष्टि हुई, और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। दोनों मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं ताकि वायरस के वैरिएंट की पहचान की जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि देशभर में नए वैरिएंट के 277 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश तमिलनाडु, महाराष्ट्र, और केरल से हैं। उत्तराखंड में अभी तक कोई स्थानीय सक्रिय मामला नहीं है, लेकिन बाहर से आए इन दो मरीजों के कारण सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- जीनोम सीक्वेंसिंग: सभी पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।
- टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश: संदिग्ध लक्षण (बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ) वाले मरीजों की तत्काल जांच।
- IDSP पोर्टल पर अपडेट: कोविड-19 से संबंधित सभी सूचनाएं रोजाना इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल (IDSP) पर अपलोड की जाएंगी।
- जागरूकता अभियान: मास्क पहनने, नियमित हाथ धोने, और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जनता को जागरूक किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में सर्विलांस टीमें सक्रिय कर दी हैं, जो संभावित संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए काम करेंगी। अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड, उपचार, और निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
देश में नए वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। उत्तराखंड में पहले भी 2020 और 2021 में कोरोना की लहरों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बनाया था। 2020 में, नेपाल और चीन से सटे पिथौरागढ़ जिले में सीमा चेक पोस्टों पर स्क्रीनिंग और डॉक्टरों की तैनाती की गई थी। उस समय विदेश से लौटे भारतीय वन सेवा (IFS) के प्रशिक्षुओं में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी। हाल के X पोस्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड में नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं, और जनता से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की गई है।
जनता से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से बुखार, खांसी, या गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने और सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, और पहले से बीमार व्यक्तियों को सतर्क रहने को कहा गया है। मास्क पहनना, नियमित हाथ धोना, और भीड़भाड़ से बचना जरूरी बताया गया है।
उत्तराखंड में दो नए कोरोना मामलों ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर ला दिया है। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन ट्रैवल हिस्ट्री वाले मरीजों में संक्रमण की पुष्टि ने सतर्कता की जरूरत को रेखांकित किया है। स्वास्थ्य विभाग और सरकार की त्वरित कार्रवाई और जनता की जागरूकता से इस नए वैरिएंट के प्रसार को रोका जा सकता है।