आगरा के एत्मादपुर थाना क्षेत्र के मोहल्ला शेखान में 17 मार्च 2025 को पुलिस ने अवैध पशु कटान की सूचना पर छापा मारा। छापेमारी में तीन घरों से 275 किलोग्राम गोमांस, 1,230 किलोग्राम चर्बी (82 टिन में), पशुओं की खाल, 11 कट्टे मांस, एक स्कूटी, चाकू, और तराजू बरामद हुए। जांच में मांस के गोमांस होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस अब उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 की धारा 3/5/8 जोड़ने की तैयारी कर रही है। इससे सजा सात साल तक हो सकती है, और जमानत मुश्किल होगी।
छापे और गिरफ्तारी
पुलिस ने बबलू और फरमान के घरों समेत तीन स्थानों पर छापेमारी की। छापे के दौरान उस्मान, वाहिद, विल्किस, और समीर को गिरफ्तार किया गया, जबकि साजिद, फरमान, साजिया, टिल्लू उर्फ आरिफ, राशिद, अबरार, नदीम, सलीम, गोविंदा, बबलू, कदीम, और समीम फरार हो गए। इनके खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 272 और 273 (असुरक्षित खाद्य पदार्थ बेचने की मंशा), और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 26 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। शुरुआती धाराओं में सजा सात साल से कम होने के कारण गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिल गई थी।
नकली घी का कारोबार
पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग (FSDA) को शक है कि बरामद चर्बी का उपयोग ब्रांडेड देसी घी के टिन में पैक कर बाजार में बेचने के लिए किया जा रहा था। कुछ आरोपियों ने दावा किया कि चर्बी साबुन बनाने के लिए थी, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इसे नकली घी के रूप में बेचा जा रहा था। सैंपल की लैब जांच से इसकी पुष्टि होगी। यह कारोबार लंबे समय से चल रहा था, और मांस व चर्बी की सप्लाई अन्य राज्यों तक होने की आशंका है।
आगे की कार्रवाई
एसीपी एत्मादपुर पीयूष कांत राय ने बताया कि बरामद मांस और चर्बी के सैंपल पशु चिकित्सा विभाग को जांच के लिए भेजे गए, जहां गोमांस की पुष्टि हुई। अब गोवध निवारण अधिनियम की धाराएं जोड़ने के साथ फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस बड़े रैकेट के खुलासे की उम्मीद कर रही है, और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की संभावना भी है।
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