फिरोजाबाद के टूंडला थाना क्षेत्र के मोहम्मदाबाद में 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के मौके पर दूध-जलेबी और पूड़ी-सब्जी खाने के बाद एक परिवार फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गया। 47 वर्षीय सत्यपाल यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि उनके बेटे अंश (18), पिता साहब सिंह (70), पत्नी ममता (45), और बेटी कविता (22) की हालत में सुधार के बाद 6 जून की शाम अस्पताल से छुट्टी हो गई। परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है, और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
क्या हुआ था?
सत्यपाल का परिवार बन्ना रोड, जैन एंड संस कोल्ड स्टोरेज के पास रहता है। अंश ने बताया कि गंगा दशहरा पर सुबह पूड़ी-सब्जी बनाई गई, जिसे रात में भी खाया। सुभाष चौराहे से खरीदी जलेबियों को दूध के साथ खाया गया। रात को सभी सो गए। 6 जून की सुबह 7 बजे अंश को चक्कर आए, और परिवार के अन्य सदस्य बेहोश थे। अंश ने चचेरे भाई विश्वनाथ और दोस्तों की मदद से सभी को आगरा के सिनर्जी और रेनबो अस्पतालों में भर्ती कराया। सत्यपाल की हालत गंभीर थी, और उनकी मृत्यु हो गई। अन्य को शाम तक छुट्टी मिल गई। देर रात सत्यपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस और खाद्य विभाग
थाना प्रभारी अंजीश कुमार सिंह ने बताया कि परिवार ने कोई तहरीर नहीं दी। शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी। 6 जून रात 9:30 बजे खाद्य विभाग की टीम गांव पहुंची, लेकिन खाना, दूध, और जलेबी खत्म होने के बाद बर्तन धोए जा चुके थे। सैंपल न मिलने पर टीम लौट गई। अब पोस्टमार्टम और टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट से ही फूड पॉइजनिंग का कारण पता चलेगा।
परिवार का दुख
साहब सिंह ने कहा, “हमें किसी पर शक नहीं। खाने, दूध, या जलेबी में कुछ गड़बड़ थी। मेरा बेटा चला गया, काश मैं मरता।” परिवार सदमे में है और पुलिस कार्रवाई नहीं चाहता। अंश ने बताया कि जलेबियां सुभाष चौराहे की दुकान से ली थीं, लेकिन दुकान का नाम नहीं बताया।
क्या हो सकता है कारण?
फॉरेंसिक विशेषज्ञों के मुताबिक, दूध में बैक्टीरियल कंटामिनेशन, जलेबी में खराब तेल, या सब्जी में कीटनाशक फूड पॉइजनिंग का कारण हो सकते हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
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