मुरादाबाद में सोना तस्करी रैकेट का खुलासा: टांडा के हाजीपुरा में दो भाइयों की गिरफ्तारी, इतने कैप्सूल बरामद

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मुरादाबाद और रामपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। रविवार देर रात टांडा कस्बे के हाजीपुरा मोहल्ले में छापेमारी कर पुलिस ने दो सगे भाइयों को हिरासत में लिया, जिन पर सोना तस्करी और हाल के अपहरण व लूटकांड में मुखबिरी का संदेह है।

मेडिकल जांच में चार तस्करों के पेट से 29 सोने के कैप्सूल बरामद हुए हैं, जिनकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। मामले को कस्टम विभाग को सौंप दिया गया है, और अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की जांच शुरू हो गई है।

घटना की शुरुआत शुक्रवार, 23 मई 2025 को हुई, जब दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पुराने टोल प्लाजा के पास सऊदी अरब और दुबई से लौटे छह युवकों—शाने आलम, मुत्तलिब, मोहम्मद नावेद, जाहिद अली, अजहरुद्दीन, और जुल्फेकार—के साथ उनके कार चालक को छह बदमाशों ने अगवा कर लिया। बदमाशों में से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और कार में इंस्पेक्टर की टोपी भी थी। खुद को पुलिसकर्मी बताकर उन्होंने तलाशी के बहाने इन लोगों को मूंढापांडे थाना क्षेत्र के एक फार्महाउस में बंधक बना लिया। बदमाशों को शक था कि ये युवक अपने पेट में सोना छिपाकर ला रहे हैं, और वे पेट चीरकर सोना निकालने की योजना बना रहे थे।

इसी दौरान चालक जुल्फेकार किसी तरह भाग निकला और उसने ग्रामीणों को सूचना दी। ग्रामीणों की मदद से मूंढापांडे और कटघर थाना पुलिस ने फार्महाउस की घेराबंदी की। मुठभेड़ में दो बदमाश—तौफीक उर्फ तुफैल (रामपुर दोराहा, मुरादाबाद) और रजा चौधरी (काशीपुर)—घायल होकर पकड़े गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया गया।

तस्करी का खुलासा

पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने खुलासा किया कि सऊदी से लौटे चार युवकों—शाने आलम, मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, और जुल्फेकार—के पेट में सोना छिपा है। शनिवार को सीएचसी मूंढापांडे में अल्ट्रासाउंड कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने पुष्टि नहीं की। शक गहराने पर पुलिस ने छह युवकों को जिला अस्पताल भेजा, जहां अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे में चार लोगों के पेट में सोने के कैप्सूल पाए गए। रविवार सुबह तक ‘एनीमा’ और दवाओं के जरिए 29 कैप्सूल बरामद किए गए, जिनमें करीब 1 किलो सोना था। नावेद और जाहिद के पेट में कुछ नहीं मिला।

रविवार देर रात मुरादाबाद और रामपुर पुलिस ने टांडा के हाजीपुरा मोहल्ले में एक मकान को घेरकर दो सगे भाइयों को हिरासत में लिया। इन पर सोना तस्करी रैकेट से जुड़े होने और अपहरण में मुखबिरी का आरोप है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि ये भाई रामपुर के एक बड़े तस्करी सरगना के लिए काम करते थे, जो टांडा का ही निवासी है। पुलिस अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ कर रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।

कस्टम विभाग की भूमिका

कस्टम विभाग की एक दो सदस्यीय टीम दिल्ली से मुरादाबाद पहुंची और तस्करों से पूछताछ की। चारों तस्करों के पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जांच में पता चला कि ये तस्कर पिछले छह महीनों में छह बार दुबई और सऊदी अरब जा चुके हैं। प्रत्येक चक्कर में उन्हें 30-50 हजार रुपये मिलते थे। कस्टम विभाग अब यह पता लगा रहा है कि ये तस्कर एयरपोर्ट की कड़ी सुरक्षा को चकमा देकर सोना कैसे ला रहे थे।

तस्करी का तरीका

सोना तस्करी का यह तरीका अनोखा और जोखिम भरा है। तस्कर सोने को छोटे कैप्सूल में भरकर निगल लेते हैं, जो शौच के जरिए बाहर निकलता है। इस प्रक्रिया में पेट में कैप्सूल फंसने का खतरा रहता है, लेकिन तस्कर खाना कम खाते हैं ताकि कैप्सूल आसानी से निकल जाए। एक तस्कर एक बार में 600-900 ग्राम सोना लाता है, जिसकी कीमत 50-70 लाख रुपये होती है। खाड़ी देशों में सोना भारत से सस्ता और उच्च गुणवत्ता का होता है, और तस्करी से 14% जीएसटी बच जाता है।

Mohd Taqveem

Siddiqui

is a writer covering Politics, Sports, Entertainment. He loves crafting engaging stories that inform and inspire readers.