देवरिया के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में 7 जून 2025 को बकरीद के दिन 60 वर्षीय ईश मोहम्मद ने चाकू से गला रेतकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। ईश ने सुसाइड नोट में लिखा कि बकरे भी जीव हैं, और वह अल्लाह के रसूल के नाम पर अपनी कुर्बानी दे रहे हैं।
ईश मोहम्मद, धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति, हर साल बकरीद से पहले अंबेडकर नगर की सुल्तान सैयद मखदूम अशरफ शाह मजार जाते थे। 6 जून को वहां से लौटने के बाद, 7 जून की सुबह उन्होंने बकरीद की नमाज अदा की। करीब 10 बजे वे अपनी झोपड़ी में गए। एक घंटे बाद उनकी पत्नी हाजरा खातून ने कराहने की आवाज सुनी और खून से लथपथ ईश को चाकू के साथ पाया। हाजरा बेहोश हो गईं। ग्रामीणों ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी।
अस्पताल और मृत्यु
ईश को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर रेफर किया गया। शनिवार देर शाम उनकी मृत्यु हो गई।
सुसाइड नोट
पुलिस को मिले पत्र में ईश ने लिखा:
“इंसान बकरे को अपने बेटे की तरह पाल-पोसकर कुर्बानी करता है। वह भी जीव है। मैं अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूँ। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया। मुझे सुकून से मिट्टी देना। जहां खूंटा गड़ा है, उसी जगह मेरी कब्र हो।”
उन्होंने अपना जन्म 10 जनवरी 1966 बताया।
परिवार और पृष्ठभूमि
ईश के परिवार में पत्नी हाजरा, तीन बेटे (अहमद, फैज, ताज), और दो बेटियां (नजमुन, ताजरुन) हैं। उनका छोटा बेटा मुंबई में काम करता है। ईश आटा-चक्की चलाते थे और पांचवीं तक पढ़े थे। परिवार उन्हें गहरे धार्मिक व्यक्ति बताता है।
पुलिस कार्रवाई
थानाध्यक्ष नंदा प्रसाद ने इसे आत्महत्या का मामला बताया। अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि सुसाइड नोट और साक्ष्यों के आधार पर जांच चल रही है। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
धार्मिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
मौलवी हासीम रजा ने कहा कि इस्लाम में मानव कुर्बानी का कोई प्रावधान नहीं है, और यह मजहब के खिलाफ है। कुछ ग्रामीणों ने ईश की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए, लेकिन परिवार ने इसे उनकी धार्मिकता से जोड़ा। हाजरा ने तंत्र-मंत्र की आशंका जताई।
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