कानपुर देहात के ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में 28 मई 2025 की रात एक ऐसी हृदयविदारक घटना घटी, जिसने चिकित्सा व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया। प्रसूता सरिता की चीखें अनसुनी रह गईं, और उसका नवजात बेड के किनारे रखे डस्टबिन में गिर गया। कुछ घंटों बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। जांच में डॉ. रश्मि पाल और स्टाफ नर्स प्रियंका सचान को ड्यूटी पर अनुपस्थित पाया गया। दोनों के निलंबन की सिफारिश के साथ, प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा ने उनकी बर्खास्तगी के लिए शासन को पत्र लिखा है।
रूरा थाना क्षेत्र के प्रेमाधाम कारी-कलवारी निवासी सुनील नायक ने बताया कि 28 मई की देर रात उनकी पत्नी सरिता को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। रात करीब 1:30 बजे वे उसे मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल ले गए। स्टाफ ने दवाइयां देकर सरिता को वार्ड में भर्ती किया, लेकिन इसके बाद कर्मचारी सोने चले गए। रात 2 बजे प्रसव पीड़ा बढ़ने पर सुनील की मां ओमवती ने कर्मचारियों को जगाने की कोशिश की, मगर कोई नहीं उठा।
इसी बीच, सरिता का बेड पर बिना सहायता के प्रसव हो गया, और नवजात डस्टबिन में गिर गया। ओमवती ने फिर स्टाफ से गुहार लगाई। तब कर्मचारियों ने नवजात को स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में भर्ती किया, लेकिन सुबह 10 बजे उसकी मौत हो गई। स्टाफ ने मामले को छिपाने की कोशिश की और दोपहर 2 बजे मृत्यु प्रमाणपत्र देकर शव ले जाने को कहा। सुनील ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए डायल 112 पर शिकायत की। मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी भागमल सिंह ने जांच शुरू की।
जांच और कार्रवाई
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसने पाया:
- डॉ. रश्मि पाल और प्रियंका सचान ड्यूटी पर अनुपस्थित थीं।
- स्टाफ की लापरवाही के कारण प्रसूता को समय पर सहायता नहीं मिली।
समिति ने दोनों के निलंबन की सिफारिश की। प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा ने इसे “अक्षम्य” बताते हुए बर्खास्तगी के लिए शासन को पत्र लिखा। जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है।