उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। दो नशेड़ी युवकों ने 45 वर्षीय ऊषा देवी की बेरहमी से हत्या कर दी। पहले ईंट से हमला किया, फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। यह सब उनकी बेटी सपना की आंखों के सामने हुआ, जिस पर भी हमलावरों ने हमला करने की कोशिश की। सपना किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब रही, लेकिन मां को नहीं बचा पाई। हत्यारे वारदात के बाद फरार हो गए। पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
यह हत्याकांड पूरनपुर के मोहल्ला हबीबगंज में कारगिल पेट्रोल पंप के पास एक बाग में हुआ। ऊषा देवी अपनी बेटी सपना के साथ सुबह बकरी चराने गई थीं। बाग उनके घर से करीब 400 मीटर दूर है। सपना ने बताया कि वहां मोहल्ले के दो युवक गांजा की पत्तियां रगड़कर नशा कर रहे थे। ऊषा ने इसका विरोध किया, जिससे विवाद शुरू हो गया। एक युवक ने ऊषा की पीठ पर ईंट मारी। जब सपना मां को बचाने दौड़ी, तो दोनों युवकों ने ऊषा पर चाकू से कई वार किए। सपना पर भी हमला करने की कोशिश हुई, लेकिन वह भाग निकली। घायल ऊषा 100 मीटर तक भागीं, लेकिन गिर पड़ीं। उन्हें पूरनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सीएचसी के चिकित्सक विनीत कुमार ने बताया कि ऊषा देवी के पेट, छाती के पास, और पीठ पर चाकू के गहरे घाव थे। अत्यधिक रक्तस्राव और गंभीर चोटों के कारण उनकी मृत्यु हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इन चोटों की पुष्टि की।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाल सतेंद्र सिंह, सीओ प्रगति चौहान, पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक यादव, और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विक्रम दहिया सीएचसी पहुंचे। एसपी ने घटनास्थल का दौरा किया और ऊषा के परिवार से जानकारी ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मुख्य हत्यारोपी के भाई सहित दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस, विशेष कार्य बल (एसओजी), और सर्विलांस टीमें तैनात हैं। आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी चल रही है। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि गांजा रगड़ने से मना करने पर हत्या हुई। यह भी जांच हो रही है कि हत्यारे नशे में थे या नहीं।
ऊषा और उनके पति हरीशंकर के तीन बेटे—श्रीपाल, महेंद्र, और विक्रम—तथा दो बेटियां—शकुंतला और सपना—हैं। श्रीपाल और महेंद्र दुकानों पर काम करते हैं, जबकि विक्रम खेती में पिता की मदद करता है। श्रीपाल और शकुंतला की शादी हो चुकी है, लेकिन सपना अविवाहित है। मां की हत्या का खौफनाक मंजर देखकर सपना गहरे सदमे में है और बदहवास हालत में है।”