मऊ जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 31 मई 2025 को हेट स्पीच मामले में सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
यह फैसला 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुर मैदान में दी गई भड़काऊ टिप्पणी से जुड़ा है। अब्बास के साथ उनके साथी मंसूर अंसारी को भी धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत छह महीने की जेल और 1,000 रुपये का जुर्माना सुनाया गया। इस सजा के बाद अब्बास की मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायकी पर संकट मंडरा रहा है, क्योंकि दो साल से अधिक की सजा विधायकी रद्द होने का आधार बन सकती है।
हादसे की सुबह अब्बास अंसारी करीब 10:30 बजे कोर्ट में पेश हुए। फैसले से पहले कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया, और भारी पुलिस बल तैनात रहा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. केपी सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 28 मई को फैसले के लिए 31 मई की तारीख तय की थी। अभियोजन के अनुसार, 3 मार्च 2022 को मऊ शहर कोतवाली क्षेत्र में अब्बास, जो सुभासपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार थे, ने एक जनसभा में प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने पर अधिकारियों से हिसाब-किताब किया जाएगा और सबक सिखाया जाएगा। इस बयान को हेट स्पीच मानते हुए एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने ऑडियो-वीडियो साक्ष्यों और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर अब्बास को दोषी ठहराया। सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास को हिरासत में ले लिया गया। उनकी विधायकी का भविष्य अब जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) पर निर्भर करता है, जो दो साल से अधिक सजा पर अयोग्यता लागू करता है। हालांकि, अब्बास के वकील उच्च न्यायालय में अपील की तैयारी कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही इस मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा है, और अगली तारीख 11 जून 2025 है।