उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के हरईपुर गांव में मेडिकल स्टोर संचालक अंकित पटेल (27) की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पांच दिन से लापता अंकित का शव 27 मई 2025 को गांव से एक किलोमीटर दूर निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के जलनिकासी पाइप में मिला।
हत्यारों ने शव को 15 इंच व्यास के सीमेंट पाइप में छिपाकर दोनों मुहानों पर मिट्टी भर दी थी, ताकि किसी को पता न चले। मंगलवार रात दुर्गंध के बाद ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने शव बरामद किया। अंकित की बाइक गांव से 15 किलोमीटर दूर और नंबर प्लेट पांच किलोमीटर दूर झाड़ियों में मिली। पुलिस को प्रेम प्रसंग या रुपये के लेनदेन में हत्या की आशंका है।
अंकित पटेल हरदोई के मल्लावां थाना क्षेत्र के गौसगंज में मेडिकल स्टोर चलाता था और रोज बाइक से घर आता-जाता था। 23 मई की रात वह लापता हो गया। उसका मोबाइल बंद होने और घर न पहुंचने पर छोटे भाई अतुल पटेल, जो भाजपा कार्यकर्ता हैं, ने 24 मई को बेहटा मुजावर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। परिजनों और पुलिस ने तलाश शुरू की, लेकिन शुरुआत में पुलिस की सुस्ती पर सवाल उठे।
25 मई को अंकित की बाइक शादीपुर गांव के पास नहर किनारे टूटी नंबर प्लेट के साथ मिली। 27 मई को पश्चिम गंगा एक्सप्रेसवे के सरैंया गांव की झाड़ियों में बाइक की नंबर प्लेट और चार शराब की बोतलें बरामद हुईं। जांच में पता चला कि बोतलें चकहनुमान के एक ठेके से खरीदी गई थीं, लेकिन ठेके का सीसीटीवी 23 मई रात 9 बजे के बाद बंद था। मंगलवार रात 8 बजे पाइप से दुर्गंध की शिकायत पर ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
शव की बरामदगी
पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर पाइप के मुहानों पर भरी मिट्टी हटवाई। पहले अंकित की उंगली दिखी, लेकिन खींचने पर वह उखड़ गई, जिससे परिजनों में कोहराम मच गया। दो सिपाहियों ने पाइप में घुसकर शव निकाला। अंकित के पिता रामजीवन, मां राममूर्ति, और बहन शालिनी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। क्षेत्रीय विधायक श्रीकांत कटियार भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।
पुलिस जांच और आशंकाएं
सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि शव कई दिन पुराना होने के कारण हत्या का तरीका स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों की पुष्टि होने की उम्मीद है। पुलिस को शक है कि हत्यारा अंकित का कोई करीबी या गांव का व्यक्ति हो सकता है। जांच में प्रेम प्रसंग और रुपये के लेनदेन के बिंदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस अंकित की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकलवा रही है, क्योंकि उसका मोबाइल घटना के बाद से बंद है।
पुलिस की शुरुआती सुस्ती पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर बाइक मिलने पर पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती, तो शव पहले मिल सकता था। सर्विलांस और फोरेंसिक टीमें अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच कर रही हैं।