मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया, जहां एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ उसी मोहल्ले के युवक भोला ने दुष्कर्म किया, जिसके परिणामस्वरूप किशोरी सात माह की गर्भवती हो गई।
पीड़िता के भाई की शिकायत पर पुलिस ने भोला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म) और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
पीड़ित किशोरी का परिवार मूल रूप से हमीरपुर जिले का रहने वाला है और परतापुर क्षेत्र में मजदूरी करता है। करीब सात महीने पहले, मोहल्ले के ही युवक भोला ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। उसने किशोरी को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया, तो वह उसे जान से मार देगा। डर के कारण किशोरी चुप रही और डरी-सहमी रहने लगी। परिजनों ने उसकी हालत को देखते हुए उसे उसकी बहन के पास भेज दिया।
बहन के पास रहते हुए किशोरी की तबीयत लगातार खराब रहने लगी। कुछ दिन पहले बहन ने उसे वापस मेरठ भेज दिया। बुधवार, 28 मई 2025 को परिजनों ने किशोरी को एक महिला डॉक्टर को दिखाया। जांच में पता चला कि किशोरी सात माह की गर्भवती है। इस जानकारी ने परिवार को हिलाकर रख दिया। पूछताछ पर किशोरी ने भोला द्वारा बार-बार दुष्कर्म करने की बात बताई। इसके बाद, गुरुवार रात को पीड़िता के भाई ने परतापुर थाने में भोला के खिलाफ तहरीर दी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पीड़िता के भाई की तहरीर के आधार पर भोला के खिलाफ IPC धारा 376 और POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए कई टीमें गठित की हैं, और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी चल रही है।
@meerutpolice, 26 और 27 मई 2025) में परतापुर थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी, जो इस मामले से संबंधित हो सकता है, हालांकि भोला की गिरफ्तारी की पुष्टि अभी नहीं हुई है।
एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों ने पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात कर जानकारी ली है। पीड़िता को मेडिकल देखरेख में रखा गया है, और उसकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है।
मेरठ में नाबालिगों के खिलाफ अपराध
सहायता से भोला की जल्द गिरफ्तारी और पीड़िता को न्याय की उम्मीद है। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाएं। इस मामले पर आपकी क्या राय है? कमेंट में साझा करें।