भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के सिंधु जल समझौते को लेकर दुष्प्रचार का करारा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी हमलों को अंजाम देकर इस समझौते की भावना का उल्लंघन किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद की ‘एरिआ फार्मूला’ बैठक में पाकिस्तान के झूठे आरोपों का तथ्यपरक जवाब दिया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया था। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में ‘संघर्ष में पानी की सुरक्षा’ विषय पर आयोजित बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर समझौता तोड़ने का बेबुनियाद आरोप लगाया। इसके जवाब में पी. हरीश ने कहा कि 1960 में भारत ने अच्छी भावना और दोस्ती के साथ यह समझौता किया था, लेकिन पाकिस्तान ने 65 वर्षों में इसकी भावना का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, “समझौते की प्रस्तावना में साफ लिखा है कि यह अच्छी भावना और दोस्ती पर आधारित है, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमलों के जरिए इसका उल्लंघन किया।”
हरीश ने बताया कि पिछले चार दशकों में आतंकी हमलों में भारत ने 20,000 से अधिक लोगों को खोया है, जिसमें हालिया पहलगाम हमला भी शामिल है, जिसमें निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया। इसके बावजूद भारत ने संयम बरता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद के जरिए भारत में नागरिकों की जिंदगी, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। हरीश ने यह भी बताया कि भारत ने कई बार समझौते में संशोधन का प्रस्ताव दिया, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इसे ठुकरा दिया।
उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक तकनीक ने बांध निर्माण और सुरक्षा को बेहतर बनाया है, लेकिन पाकिस्तान पुराने बांधों के नवीनीकरण का विरोध करता रहा है, जबकि समझौते में इसकी अनुमति है। हरीश ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, भारत ने समझौते को स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि असल में पाकिस्तान ने ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया है।