लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 24 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। इस दौरान वे पूंछ और श्रीनगर में पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित परिवारों और घायलों से मुलाकात करेंगे। उनके साथ जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी मौजूद रहेंगे। यह राहुल गांधी का अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का दूसरा दौरा है।
राहुल गांधी सुबह जम्मू पहुंचे और वहां से पूंछ के लिए रवाना हुए। पूंछ में वे लगभग तीन घंटे बिताएंगे, जहां वे हाल ही में 8-10 मई को पाकिस्तानी गोलाबारी में मारे गए 27 लोगों के परिजनों और 70 से अधिक घायलों के परिवारों से मुलाकात करेंगे। इस गोलाबारी ने पूंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें कई घर और आजीविका नष्ट हो गई थी।
JKPCC अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा, “पाकिस्तानी गोलाबारी से पूंछ सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। राहुल गांधी यहां आने वाले पहले राष्ट्रीय नेता हैं। वे गोलाबारी से प्रभावित संस्थानों का दौरा करेंगे, नागरिक समाज से मिलेंगे और डाक बंगले में बातचीत करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत सरकार की तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार की नीति के बावजूद, कुछ देशों द्वारा संघर्षविराम की घोषणा पर सवाल उठ रहे हैं। कर्रा ने सुरक्षा बलों से सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि पाकिस्तान की अगली कार्रवाई अनिश्चित है।
पूंछ के बाद राहुल गांधी श्रीनगर जाएंगे, जहां वे नियंत्रण रेखा (LoC) के पास रहने वाले पीड़ित परिवारों से मिलेंगे। 25 अप्रैल को अपने पिछले दौरे के दौरान, राहुल ने पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) में घायल हुए लोगों से श्रीनगर के बादामीबाग कैंटोनमेंट में सेना के 92 बेस अस्पताल में मुलाकात की थी। उस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। उन्होंने तत्कालीन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया था।
श्रीनगर में राहुल गांधी का ध्यान LoC के पास रहने वाले लोगों के हालात पर होगा। कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने बताया कि इस दौरे में पार्टी कैडर के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं होगी। श्रीनगर से राहुल गांधी दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
पूंछ में गोलाबारी और ऑपरेशन सिंदूर
पाकिस्तान की ओर से 8-10 मई 2025 को पूंछ और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए गए, जिसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए।
इस गोलाबारी में पूंछ में 12 नागरिकों और एक सैनिक की मौत हुई थी, जबकि हजारों लोग LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा से विस्थापित होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए। 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने पर सहमति बनी, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।
जम्मू-कश्मीर सरकार का रुख
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी की घोषणा की है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का वादा किया है।