रायपुरवा थाना क्षेत्र के देवनगर में 7 जून 2025 की रात पान मसाला कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव अमित नाथ मिश्रा (36) ने चादर से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
दो पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने केपी ग्रुप के चार कर्मचारियों—शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, नीलेश शुक्ला, और किशन तिवारी—पर मानसिक प्रताड़ना और सैलरी रोकने का आरोप लगाया। परिजनों के अनुसार, कंपनी ने उन पर झूठे आरोप लगाकर 20 मई 2025 को नौकरी से निकाल दिया था, जिससे वह अवसाद में थे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है।
देवनगर निवासी अमित नाथ मिश्रा 17 साल से केपी ग्रुप में मार्केटिंग का काम कर रहे थे। उनकी पत्नी अनुजा मिश्रा, डेढ़ साल के बेटे देवांश, और तीन साल की बेटी पूर्वी के साथ मायके (रावतपुर गांव) गई थीं। पिता अखिलेश चंद्र मिश्रा लाटूश रोड पर अपनी दुकान पर थे, और मां सपना रसोई में व्यस्त थीं। शनिवार शाम 7:40 बजे जब परिवार के लोग घर लौटे, तो अमित का कमरा थोड़ा खुला था। अंदर देखने पर अमित का शव पंखे से चादर के सहारे लटकता मिला। बड़े भाई आदित्य ने बताया कि कंपनी ने सैलरी रोककर और झूठे आरोप लगाकर अमित को निकाल दिया था, जिससे वह मानसिक तनाव में था।
सुसाइड नोट की मुख्य बातें:
अमित ने दो पन्नों के नोट में लिखा:
“मैं अमित नाथ मिश्रा अपनी कंपनी केपी ग्रुप के कारण जान दे रहा हूं। शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, नीलेश शुक्ला, और किशन तिवारी ने मुझे प्रताड़ित किया। आवाज उठाने पर संदीप ने दबा दिया। रोज मुझे ब्लेम लगाकर परेशान करते थे और सैलरी नहीं दी। राकेश मिश्रा (कंपनी मालिक) ने भी उनका साथ दिया। मैं इतना परेशान हूं कि आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे इंश्योरेंस का पैसा मेरी पत्नी को दे देना। मेरे बच्चों को कोई परेशान न करे। इन चारों को कड़ी सजा मिले।”
पुलिस कार्रवाई:
रायपुरवा थाना प्रभारी संतोष कुमार गौड़ ने बताया कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। परिजनों ने अभी लिखित तहरीर नहीं दी है, लेकिन तहरीर मिलने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई होगी। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है, और फॉरेंसिक जांच के लिए नोट और अन्य साक्ष्य भेजे गए हैं।
परिवार और सामाजिक प्रभाव:
परिजनों का कहना है कि कंपनी की प्रताड़ना और नौकरी छिनने से अमित टूट गया था। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर दुख जता रहे हैं और कॉरपोरेट दबाव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा कि पान मसाला उद्योग में कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव आम है, और इसकी जांच जरूरी है।
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