उत्तर प्रदेश में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक चली आंधी और बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान पेड़ गिरने, दीवार ढहने और बिजली के खंभे टूटने से 51 लोगों की जान चली गई। बुलंदशहर में 89 किमी प्रति घंटे और मेरठ में 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलीं, जिससे आगरा, अलीगढ़ और अन्य पूर्वी इलाकों में 50 से 80 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं दर्ज की गईं। कई जगहों पर टिन की छतें और छप्पर उड़ गए, जिससे भारी नुकसान हुआ। बिजली के खंभों के टूटने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
लखनऊ और अवध के 12 जिलों में बुधवार देर रात तेज आंधी के साथ बारिश हुई। अंबेडकरनगर के कुसुमखोर गांव में बिजली गिरने से अजय सिंह उर्फ गुड्डू (48) की मौत हो गई। अमेठी के मैंझार गांव में दीवार गिरने से सीतापति (59) और अयोध्या के रुदौली में सूर्यकला (55) की जान चली गई। ब्रज क्षेत्र में 17 लोगों की मौत हुई, जिनमें आगरा में तीन, कासगंज में चार महिलाओं सहित छह, एटा में पांच, फिरोजाबाद में दो महिलाएं और टूंडला में एक बच्चे की मौत शामिल है। बरेली के बिल्सी में दीवार के मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई। मुरादाबाद में आंधी के दौरान छत से गिरकर एक महिला की जान चली गई।
कानपुर, बुंदेलखंड और आसपास के जिलों में 22 लोगों की मौत हुई। फतेहपुर में पांच, औरैया में चार, कानपुर और कन्नौज में तीन-तीन, इटावा और कानपुर देहात में दो-दो, झांसी में दो और चित्रकूट में एक व्यक्ति की मौत हुई। आजमगढ़ के अतरौलिया में बिजली गिरने से एक युवक, हाथरस में एक युवक और अलीगढ़ में एक वृद्धा की मौत हो गई। पश्चिमी यूपी के मेरठ में एक और बागपत में दो लोगों की जान चली गई।
आज भी बारिश की संभावना
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 65 से अधिक जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश और कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना है। अरब सागर में बने कम दबाव क्षेत्र के उत्तर की ओर बढ़ने से शनिवार से बारिश की तीव्रता और प्रभावित क्षेत्रों में वृद्धि होगी। इससे बूंदाबांदी के साथ तापमान में कमी आएगी, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से क्षेत्र का सर्वे करने, राहत कार्यों पर नजर रखने और जनहानि व पशुहानि से प्रभावित परिवारों को राहत राशि वितरित करने को कहा। घायलों के समुचित इलाज और फसल नुकसान के आकलन के लिए सर्वे कर शासन को रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए गए।