उत्तर प्रदेश में नौतपा (25 मई से शुरू होने वाला गर्मी का नौ-दिवसीय चक्र) के दौरान मौसम ने अप्रत्याशित करवट ली है। 29 मई 2025 को प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक, तेज हवाओं और बूंदाबांदी ने लू की स्थिति को रोका, लेकिन उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले दो दिनों तक पूरे यूपी में रहेगा। इस कारण 29 से 31 मई तक ज्यादातर जगहों पर बूंदाबांदी और 40-60 किमी/घंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने 31 जिलों में ओलावृष्टि और आंधी-तूफान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
ऑरेंज अलर्ट वाले जिले
मौसम विभाग ने पूर्वी तराई, बुंदेलखंड, और अन्य क्षेत्रों के 31 जिलों में बारिश, ओलावृष्टि, और आकाशीय बिजली की चेतावनी दी है। इनमें शामिल हैं:
- बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर (पूर्वी यूपी और तराई क्षेत्र)
- अन्य जिले: प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ।
बूंदाबांदी की संभावना वाले जिले
प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है। इनमें शामिल हैं:
- पूर्वी यूपी: अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, रायबरेली
- पश्चिमी यूपी: सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद
- मध्य यूपी: कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, कन्नौज, फरुखाबाद
- रोहिलखंड: बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं
- बुंदेलखंड: जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर
मौसम का प्रभाव और हादसे
28 मई की रात आई 10 मिनट की आंधी ने कई क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित किया। मिर्जापुर के गांव भोजपुर में पेड़ गिरने से शहजाद (32) की मौत हो गई। सहारनपुर की तहसील बेहट में 70 गांवों की बिजली गुल हो गई, और छुटमलपुर में देहरादून हाईवे 4 घंटे तक बाधित रहा। आंधी के बाद हल्की बूंदाबांदी ने मौसम को थोड़ा सुहाना किया, लेकिन उमस ने लोगों को परेशान रखा।
मौसम की वजह
- बंगाल की खाड़ी का कम दबाव: यह प्रणाली पूर्वी यूपी में नमी ला रही है, जिससे बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी है।
- पश्चिमी विक्षोभ: यह पश्चिमी यूपी और तराई क्षेत्रों में हवाओं और बूंदाबांदी का कारण बन रहा है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के अनुसार, यह मौसमी गतिविधि 31 मई तक सक्रिय रहेगी, और सितंबर तक सामान्य से 10% अधिक बारिश का अनुमान है।