अयोध्या: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का अयोध्या कनेक्शन सामने आया है। उनका 32 सेकेंड का एक वीडियो, जिसमें वह रामलला के दर्शन मार्ग पर ‘जय श्रीराम’ कहते हुए दिख रही हैं, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर खुफिया एजेंसियां और पुलिस गहन जांच में जुट गई हैं।
वायरल वीडियो में ज्योति रामलला की धरती को पवित्र बताते हुए माथे पर ‘जय श्रीराम’ का टीका लगाए नजर आ रही हैं। वीडियो, जो सर्दियों का प्रतीत होता है, में वह रामलला के दर्शन के लिए दूर से प्रार्थना करने की बात कह रही हैं। पीछे अमावां मंदिर का शिखर कलश दिखाई देता है, जो दर्शन मार्ग से सटा है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि ज्योति अयोध्या कब आई, उसके साथ कौन-कौन था, कहां-कहां घूमी, कहां ठहरी, और किन-किन लोगों से संपर्क किया।
ज्योति मल्होत्रा, जो ‘ट्रैवल विद जो’ यूट्यूब चैनल (3.77 लाख सब्सक्राइबर्स) और इंस्टाग्राम (1.33 लाख फॉलोअर्स) पर ट्रैवल व्लॉगर के रूप में जानी जाती हैं, पर आरोप है कि उन्होंने 2023 में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान ISI एजेंट्स और पाकिस्तानी हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क स्थापित किया। दानिश, जिसे 13 मई 2025 को भारत ने जासूसी के आरोप में निष्कासित किया, ने ज्योति को ISI के साथ जोड़ा।
जांच में खुलासा हुआ कि ज्योति ने अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, और पुरी जैसे धार्मिक स्थलों के वीडियो बनाए, जिनमें संवेदनशील स्थानों, विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर असामान्य ध्यान दिया गया। अयोध्या में उनके वीडियो को अब संदेह की नजर से देखा जा रहा है, क्योंकि यह संभव है कि धार्मिक पर्यटन की आड़ में उन्होंने खुफिया जानकारी एकत्र की।
हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने कहा कि यह इंटेलिजेंस फेलियर नहीं है, क्योंकि ज्योति ने वैध दस्तावेजों के साथ यात्रा की थी। हालांकि, उनके पाकिस्तान दौरे और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच जारी है। संदिग्ध यूट्यूब चैनलों पर नजर रखने के लिए विशेष सेल सक्रिय हैं, और स्लीपर सेल्स के खिलाफ कार्रवाई तेज की गई है।
ATS और NIA की संयुक्त टीम ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच कर रही है, क्योंकि वह व्हाट्सएप, टेलीग्राम, और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए ISI एजेंट्स से संपर्क में थी। उनके वीडियो में एक पैटर्न देखा गया, जहां धार्मिक स्थलों की जानकारी कम और सीमा सुरक्षा या संवेदनशील स्थानों पर ज्यादा फोकस था।
ज्योति की गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद ISI नेटवर्क के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा है। वह और पांच अन्य लोग, जिनमें पंजाब के गजाला और यामीन मोहम्मद शामिल हैं, संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में पकड़े गए हैं। ज्योति पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज है, और वह पांच दिन की पुलिस रिमांड पर है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे जासूसी का सबूत मानते हैं। एक X पोस्ट में दावा किया गया कि ज्योति ने पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को दोषी ठहराने वाला वीडियो बनाया, लेकिन इसमें पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया।